पटना। शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जो सुझाव दिये थे, वो धरे के धरे रह गए। लिहाजा आज उन्होंने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही अपनी ही पार्टी के स्वास्थ्य मंत्री के फैसले पर भी नाराजगी जता दी। संजय जायसवाल ने कहा कि नाइट कर्फ्यू बिहार के लिए काफी नही और अगर शुक्रवार शाम से लेकर सोमवार सुबह तक के कर्फ्यू को बिहार में लागू नही किया गया तो बिहार का हाल महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसा हो सकता है।
भाजपा ने की थी 62 घंटे के लॉकडाउन की मांग
राज्यपाल भागू चौहान की अध्यक्षता में कोरोना को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में सभी पार्टियों के प्रदेश प्रमुख ने ऑनलाइन बैठक में शामिल होकर अपने-अपने सुझाव सरकार के सामने कोरोना की रोकथाम के लिए रखे थे। भाजपा की तरफ से बैठक में शामिल हुए संजय जायससवाल ने शु्क्रवार शाम से सोमवार सुबह तक साप्ताहिक लॉकडाउन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सरकार ने बिहार में केवल नाइट कर्फ्यू को लागू किया है। ऐसे में सरकार का निर्णय सामने आने के करीब 4 घंटे बाद सोशल मीडिया पर सरकार के फैसले पर अपनी नाराजगी जता दी।
संजय जायसवाल के यह लिखा सोशल मीडिया पर
‘आज बिहार सरकार ने बहुत सारे फैसले लिए हैं, जो आज की परिस्थिति में बहुत अनिवार्य हैं। मैं कोई विशेषज्ञ तो नहीं हूं फिर भी सभी अच्छे निर्णयों में इस एक निर्णय को समझने में असमर्थ हूं कि रात का कर्फ्यू लगाने से करोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा। अगर करोना वायरस के प्रसार को वाकई रोकना है तो हमें हर हालत में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक की बंदी करनी ही होगी। घरों में बंद इन 62 घंटों में लोगों को अपनी बीमारी का पता चल सकेगा और उनके बाहर नहीं निकलने के कारण बीमारी के प्रसार को रोकने में कुछ मदद अवश्य मिलेगी। वैसे करोना प्रसार रोकने की महाराष्ट्र में सर्वोत्तम स्थिति यही रहती कि 4 दिन रोजगार और 3 दिन की बंदी। बिहार में अभी इसकी जरूरत नहीं है ,पर अगर हम हफ्ते में 2 दिन कड़ाई से कर्फ्यू नहीं लगा पाए तो हमारी स्थिति भी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसी हो सकती है।’