मुजफ्फरनगर में बीजेपी विधायक संगीत सोम को 2013 में कवाल कांड को लेकर दर्ज हुए मुकदमे में बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने मुकदमा समाप्त कर दिया है. केस में वादी तत्कालीन एएसआई सुबोध की मौत हो चुकी है. मामले में पैरोकार ने कोर्ट में वादी का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल किया. इसके बाद कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव और पैरोकार के बयान के आधार पर संगीत सोम का मुकदमा समाप्त कर दिया है.
2013 के दौरान कवाल कांड का वीडियो बताकर सोशल मीडिया पर वायरल करने और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने के आरोप में मौजूदा सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम पर दर्ज मुकदमे की फाइल बंद कर दी गई है. विवेचना के दौरान साक्ष्य न मिलने पर 2017 में मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी. अब अभियोजन के विरोध न करने पर एफआर स्वीकार कर ली गई है.
हत्याकांड के बाद फैला था सांप्रदायिक उन्माद
27 अगस्त, 2013 को मुजफ्फरनगर में जानसठ थानाक्षेत्र के गांव कवाल में मलिकपुरा निवासी ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की बेरहमी से पीटकर हत्या हो गई थी. इस घटना के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक उन्माद फैल गया था. मामले में भाजपा नेता संगीत सोम, शिवम कुमार तथा अज्ञात के विरुद्ध शहर कोतवाली में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने तथा 66 आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
2017 में केस में लगाई गई फाइनल रिपोर्ट
एसएसपी के आदेश पर संगीत सोम पर दर्ज मुकदमे की जांच तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई को सौंपी गई. इसके बाद क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर बिजेन्द्र सिंह और एसआइ सुरेन्द्र सागर ने विवेचना आगे बढाई. फिर जांच बरेली इन्वेस्टिगेशन सेल के इंस्पेक्टर अवध बिहारी को सौंपी गई. विवेचना में साक्ष्य नहीं मिलने के कारण 14 अप्रैल 2017 को मुकदमे में एफआर लगा दी गई.
वादी सुबोध कुमार सिंह की हो चुकी है हत्या
के बाद वादी मुकदमा तत्कालीन रामलीला टिल्ला चौकी इंचार्ज इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को नोटिस जारी हुए. वह कोर्ट में पेश नहीं हुए और न ही इस फाइनल रिपोर्ट का विरोध किया. हाल ही में पैरोकार सचिन कुमार ने बताया कि सुबोध कुमार की 2018 में हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कोर्ट में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी दाखिल किया. इसके बाद कोर्ट ने एफआर पर अभियोजन द्वारा विरोध दर्ज न कराने पर इसे स्वीकार कर लिया.