वाराणसी। काशी हिंदू यूनिवर्सिटी के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद फैकल्टी के BAMS के छात्र-छात्राएं सोमवार को कुलपति आवास के सामने नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। छात्र-छात्राओं की मांग है कि आयुर्वेद फैकल्टी में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) कोर्स की सीट बढ़ाई जाए। छात्र-छात्राओं के धरने पर बैठने की सूचना पर आयुर्वेद फैकल्टी के शिक्षक आए और समझा-बुझाकर शांत कराने का प्रयास करने लगे। वहीं, छात्र-छात्राओं का कहना था कि वह 3-4 साल से सिर्फ आश्वासन ही सुन रहे हैं। अब जब तक इस संबंध में ठोस निर्णय नहीं होगा वह धरना खत्म नहीं करेंगे।
शिक्षक 121 और छात्र महज 48
धरना दे रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि आयुर्वेद फैकल्टी में टीचरों की संख्या 121 है और पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों की संख्या महज 48 है। यह भला कहां से न्यायसंगत है। शिक्षक और छात्र अनुपात को देखते हुए पोस्ट ग्रेजुएशन में सीट बढ़ाया जाना उचित होगा। एमबीबीएस के छात्रों के लिए एमडी-एमएस की सीटें समय-समय पर बढ़ाई जाती रहती हैं तो आयुर्वेद फैकल्टी के बीएएमएस के छात्रों के हितों की अनदेखी क्यों की जा रही है। हम सभी भी तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय की जग विख्यात फैकल्टी के ही छात्र-छात्राएं हैं।
हम उचित मांग लेकर धरने पर बैठे हैं
आयुर्वेद फैकल्टी के छात्र-छात्राओं ने कहा कि हम लोगों ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की सीटें बढ़वाने के लिए विगत डेढ़ साल में काफी कागजी कार्रवाई की। हमने फैकल्टी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक और फिर शिक्षा मंत्रालय, सीसीआईएम, आयुष मंत्रालय को हर जगह पत्र भेजा। हमें कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
मीडिया के माध्यम से ही यह सुनने में आया कि आयुर्वेद फैकल्टी में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की सीट बढ़ेगी लेकिन हकीकत के धरातल पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसलिए अपने भविष्य को देखते हुए हम लगभग 250 छात्र-छात्राएं उचित मांग लेकर धरने पर बैठे हैं। जरूरत पड़ेगी तो धरने पर बैठने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 500 के पार पहुंच जाएगी।