अमरावती। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 का चमत्कारिक उपचार बताई जा रही ‘कृष्णापटनम मेडिसिन’ नाम की आयुर्वेदिक दवा के वितरण को वैज्ञानिक रूप से इसकी प्रभावशीलता स्थापित होने तक अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। इस दवा के लिए गांव में हजारों लोगों की भीड़ जुट रही थी।
आंध्र प्रदेश के आयुष विभाग के विशेषज्ञों का एक दल आयुक्त रामुलु नाइक के नेतृत्व में शनिवार को इस दवा की जांच के लिए कृष्णापटनम पहुंचा। एसपीएस नेल्लोर जिले के संयुक्त जिलाधिकारी एमएन हरेंधीरा प्रसाद ने कहा कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही दवा का वितरण शुरू होगा।
प्रसाद ने कहा, आईसीएमआर और आयुष के दल दवा का अध्ययन कर रहे हैं और रिपोर्ट आने में कम से कम 10 दिन लग सकते हैं। इसके बाद अगर सरकार मंजूरी देती है तो दवा के वितरण की मंजूरी दी जाएगी। संयुक्त जिलाधिकारी ने लोगों से कृष्णापटनम नहीं आने को कहा है क्योंकि दवा का वितरण रोक दिया गया है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक एम आनंदैया करीब एक महीने से लोगों को अपनी दवा वितरित कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा हो रही है जिसकी वजह से कृष्णापटनम गांव में लोगों की भारी भीड़ जुट रही है।आंध्र प्रदेश सरकार इसे ‘स्थानीय स्वास्थ्य पद्धति और परंपरा’ के तौर पर पेश कर रही है क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों का यह मानना है कि कोविड से निपटने में यह दवा उनकी मदद कर रही है।