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मोदी के बाद अब योगी, कैबिनेट पर टिकी निगाहें, इसी महीने हो सकता है विस्तार

लखनऊ। केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश के सात चेहरों को जातीय गणित के हिसाब से जगह मिल चुकी है। इसमें सहयोगी दलों को भी समायोजित करने की कोशिश की गई है। हालांकि राष्ट्रीय निषाद पार्टी को इसमें शामिल नहीं किया गया जिसके बाद उसने एक बार फिर अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच सूत्रों की माने तो जिन सहयोगी दलों का समायोजन केंद्र की मोदी मंत्रिमंडल में नहीं हो पाया उन्हें योगी मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में खुश करने की कोशिश की जाएगी। दिल्ली में मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद अब एक बार फिर यूपी में सियासी हलचल बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि यूपी में होने वाले ब्लाक प्रमुख के चुनाव के बाद 15 जुलाई तक यूपी में भी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मोदी मंत्रिमंडल के तर्ज पर जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में भी 7 मंत्री पद रिक्त है।

जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए विस्तार की संभावना

उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल में 60 सदस्य हो सकते हैं लेकिन अभी 53 सदस्य ही शामिल हैं। इनमें 23 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 21 राज्य मंत्री हैं। इस लिहाज से 7 सीटें अभी भी खाली हैं। चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल की खाली सीटों को भरने के लिए कुछ नये चेहरों पर बड़ा दांव लगाया जा सकता है।

जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को संतुलित करने के साथ ही नाराज सहयोगी दल निषाद पार्टी को भी मौका मिल सकता है। हालांकि केंद्रिय मंत्रिमंडल 7 नए चेहरों को मिला कर सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व यूपी का ही है। 75 लोकसभा वाले यूपी से मोदी कैबिनेट में 15 मंत्री है। इसके बावजूद उत्तर-प्रदेश के जातीय और क्षेत्रीय समीकरण सेट करने के लिए विस्तार की संभावना है।

MLC के मनोयन के बाद हो सकता है विस्तार

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद में 4 नए सदस्यों का मनोनयन होना है। खबर है कि अब मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जल्द से जल्द इन चार नामों को भी तय कर लिया जाएगा। एमएलसी के इन 4 सीटों पर मनोनयन के लिए संगठन के उन चेहरों को तवज्जों ​​​​दिया जा सकता है जिसका जातीय समीकरण आगामी विधानसभा चुनाव के लिए फायदेमंद हो सकता है। चर्चा इस बात की भी है कि मोदी मंत्रिमंडल में सहयोगी दल से अनुप्रिया पटेल को शामिल करने से नाराज निषाद पार्टी को विधान परिषद के लिए खाली इन 4 सीटों में समायोजित किया जा सकता है।

निषाद पार्टी को यूपी में मिल सकता है मौका

भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों में से एक अपना दल एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। इसको लेकर सहयोगी दल निषाद पार्टी नाराज है। अनुप्रिया के कैबिनेट में शामिल होने पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने सवाल उठाया है।

अपनी नाराजगी जाहिर करते हए संजय निषाद ने कहा है कि सहयोगी दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है तो फिर निषाद पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद को क्यों नहीं। इतना ही नही संजय निषाद का कहना है कि प्रवीण निषाद गोरखपुर और संत कबीर नगर से लगातार दो बार बड़ी जीत दर्ज की है।

माना जा रहा है कि प्रवीण निषाद के लिए पार्टी यूपी में दरवाजे खोल सकती है। माना जा रहा है कि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद को विधान परिषद सदस्य बनाकर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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