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बारिश में मकान की छत गिरने से दो लोगों मौत

एटा। जिले में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बारिश में घर का एक हिस्सा ढहने से मां-बेटी की मौत हो गई। जबकि, बेटा घायल हो गया। रविवार को एक ही घर से दो शव उठने से परिवार में कोहराम मच गया। इस हादसे से गांव में मातम का माहौल है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

घटना जिले के जैथरा थाने की है। जहां नगला परमसुख गांव किसान रामवीर के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। गर्मी से बचने के लिए रामवीर की पत्नी श्यामा देवी (45) अपनी बेटी खुशबू (14) के साथ घर के बरामदे में सो रहीं थीं। देर रात बारिश होने से बरामदे की छत मां-बेटी पर गिर गई। छत गिरने की आवाज से कमरे में सो रहे रामवीर बरामदे की तरफ दौड़े। देखा की मलबे में पत्नि-बेटी दब गए हैं।

पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से मां-बेटी को मलबे से बाहर निकाला

पुलिस ने पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया। इस बीच लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंच ग्रामीणों की सहायता से मां-बेटी को मलबे से बाहर निकाला। इसके बाद पुलिस ने दोनों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तबतक उनकी मौत हो चुकी थी। वहीं, हादसे में घायल बेटे मुलायम सिंह (17) का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

दैवीय आपदा के तहत मुआवजे की घोषणा

घटना की सूचना मिलते ही अलीगंज एसडीएम एसपी वर्मा और सीओ राघवेंद्र सिंह चौहान ने परमसुख गांव पहुंच घर का निरीक्षण किया। एसडीएम ने मृतकों के परिजनों को दैवीय आपदा के तहत चार-चार लाख मुआवजा देने का आश्वासन दिया। कहा कि, पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए शाशन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।

नहीं मिलेगा कृषक बीमा का लाभ

एसडीएम एसपी वर्मा ने बताया कि खेती की भूमि पिता रामवीर के नाम है, लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों का नाम दर्ज नहीं है। इसलिए परिवार के अन्य सदस्यों को कृषक बीमा का लाभ नहीं मिल सकता। इसलिए दैवीय आपदा के तहत चार-चार लाख मुआवजा ही मिल सकता है। कृषक बीमा में पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपए मिलते हैं।

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