बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जंक्शन पर भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार रेलवे बोर्ड तक पहुंच रही थी। मगर कोई भी सबूत नहीं होने की वजह से भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। मामले की तह तक पहुंचने के लिए रेलवे बोर्ड ने बीते दो दिनों से विजिलेंस की टीम को बरेली जंक्शन पर पड़ताल के लिए भेजा था। टीम ने दो दिनों में तमाम रिकॉर्ड खंगाले, अनुपस्थित रहने वाले लोगों की सूची तैयार की। रेलवे कर्मचारियों का यात्रियों के साथ बर्ताव देखा। टीम ने आरक्षण खिड़की से कई रिकॉर्ड भी जब्त किए है। सभी को लेकर टीम गुरुवार देर रात वापस लौट गई। मगर इस बारे में रेलवे अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
यात्री बनकर घूमती रही विजिलेंस की टीम
कुछ रेलवे अधिकारियों-कर्मचारियों की माने तो टीम मंगलवार देर रात को ही जंक्शन पर पहुंच गई थी। उसने बुधवार से ही अपनी पड़ताल शुरू की। टीम पूरे दिन जंक्शन पर इधर-उधर यात्री बनकर घूमती रही। कई चीजों को वीडियो रिकार्डिंग भी की। कर्मचारियों का बर्ताव देखा, यात्रियों से पूछताछ की। मजदूर यूनियन ऑफिस के बाहर भी एक यात्री से पूछताछ की गई। जिसके पास काफी सामान था। मगर बाद में उसे छोड़ दिया गया।
स्पेशल गाड़ियों के रिजर्वेशन में मिली थी गड़बड़िया
दरअसल, अधिकारियों की माने तो कोरोना संक्रमण काल में स्पेशल गाड़ियों के रिजर्वेशन हुए। रिजर्वेशन में कुछ गड़बड़ियां मिली हैं। जिसकी शिकायतें मुख्यालय तक पहुंची हैं। इसके बाद विजिलेंस टीम ने बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद, देहरादून, हरिद्वार गोपनीय जांच शुरू की है। एक-एक स्टेशन के आरक्षण टिकट विंडो का रिकार्ड चेक का किया जाएगा। रिकार्ड को जब्त कर बड़ौदा ऑफिस ले गए। मामले में अब कई लोगों पर गाज भी गिरने वाली है।