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हड़ताल के चलते नहीं उठा हजारों टन खाद्यान्न

विभागीय नोटिस से ठेकेदारों व मजदूरों में भारी रोष ,उठान पूरी तरह ठप करने चेतावनी

मंडल में 55 हजार टन नहीं पहुंचा खाद्यान्न, ट्रक चालकों संग मजदूर भी रहे हड़ताल में शामिल

वाराणसी। खाद्य परिवहन व्यवस्था बदले जाने के विरोध में उत्तरप्रदेश खाद एवं रसद कांट्रैक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर आज हुए एक दिन के सांकेतिक हड़तालका व्यापक असर देखा गया। अकेले बनारस,जौनपुर, गाजीपुर व चंदौली में 55 हजार कुंतल खाद्यान्न का उठान न होने से व्यवस्था पटरी से उतरती नजर आई। सूबे के 75 जिलों में चले हड़ताल के कारण हजारों टन खाद्यान्न का उठान नहीं हो पाया। इस दौरान हजारों ट्रकों के पहिए जहां थम गये वहीं एफसीआई समेत तमाम गोदामों से खाद्यान्न का उठान बुरी तरह प्रभावित हुआ। संगठन के के मंडल अध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह उर्फ मुन्नू बाबू ने बताया कि सिंगल स्टेज परिवहन के खिलाफ एक दिन का सांकेतिक हड़ताल करने का फैसला लखनऊ में बीते 2 जुलाई को तब हुआ जब हमारी मांग को लगातार अनसुना किया गया। इसके पूर्व हर जिले के संभागीय खाद्य नियंत्रक के अलावा खाद्य आयुक्त व मुख्यमंत्री को भी संगठन द्वारा पत्र भेजा गया था। संगठन का कहना रहा कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में सरकारी सस्ते गल्ले की लाखों दुकान तमाम गांव के पगडंडियों , कस्बों व गलियों में है जहां ट्रके पहुंच ही नहीं सकती। अधिकारियों ने पहले कहा था कि सभी दुकानों को मुख्य सड़कों तक लाया जाएगा तब यह व्यवस्था लागू होगी। दुःखद यह है कि अबतक दुकानें कठिन रास्तों पर ही विद्यमान है। बता दें कि पुरानी व्यवस्था में एफसीआई के बफर गोदाम से ट्रक चालक जिले के सम्बंधित ब्लाकों के निर्धारित गोदाम तक खाद्यान्न ढोते रहे। यहां से स्टेज दो के ठेकेदार व कंट्रोल के दुकानदार खुद अपनी सुविधानुसार छोटे बड़े वाहन से माल की ढुलाई करते थे। अब नई व्यवस्था में खाद्यान्न बफर गोदाम से सीधे कंट्रोल की दुकान तक ले जाने का फरमान है जो व्यवहारिक नहीं है। चूंकि कंट्रोल की तमाम दुकानें गलियों व संकरे स्थानों पर हैं तो आख़िर ट्रक वहां तक जाए कैसे? बीच मे माल उतरेगा तो वहां से दुकान तक ले जाने का भाड़ा आखिर कौन देगा? उत्तर प्रदेश खाद्य परिवहन ठेकेदार संघ से जुड़े लोगों ने मांग किया कि जब तक इन व्यवहारिक दिक्कतों को दूर नहीं किया जाता तबतक पुरानी व्यवस्था बहाल रहनी चाहिए। अन्यथा आगे भी माल का उठान न करने का बड़ा फैसला लिया जा सकता है। हड़ताल में माल उठान करने वाले ट्रक चालक व मजदूर भी शामिल रहे। इसका सीधा असर बनारस के एफसीआई मंडुआडीह व सहमलपुर ,व्यासनगर के अलावा स्टेट वेयरहाउस पहाड़िया मंडी समेत तमाम बड़े गोदामों से माल का उठान ठप रहा।
खाद्यान्न ढुलाई पूर्ण ठप करने की चेतावनी सांकेतिक हड़ताल के तहत आज गाजीपुर में संजय कुमार सिंह,चंदौली में प्रदीप सिंह , प्रमोद कुमार सिंह,वाराणसी में दिनेश कुमार सिंह, मनोज सिंह जौनपुर में अजय द्विवेदी , संतोष जायसवाल, रतन कुमार सिंह ,विनय प्रताप सिंह, समेत तमाम ठेकेदारों के नेतृत्व में मजदूर व ट्रक चालक प्रदर्शन करते रहे। इसी बीच दबाव बनाने के लिए अधिकारियों ने ठेकेदारों को नोटिस जारी कर दी। कारण बताओ नोटिस में लिखा था क्यों न उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए? इस पर उनका गुस्सा और भड़क गया। ठेकेदारों ने कहा कि यदि उनकी जायज मांग नहीं मानी जाती है तो आगे वे खाद्यान्न परिवहन का कार्य पूर्ण रूपेण ठप कर देंगे। यदि ऐसा हुआ तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के साथ मिड डे मील योजना व तमाम बड़ी योजनाओं पर दुष्प्रभाव पड़ना तय है।

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