सहारनपुर। जिले में रेलवे पुलिस ने सरकारी दस्तावेजों को बिना अनुमति के आरोप में चीफ पार्सल सुपरवाइजर और दो पार्सल सुपरवाइजरों को गिरफ्तार किया है। तीनों कर्मचारी बिना अधिकारी की अनुमति के पार्सल विभाग की 12 बोरे दस्तावेजों के बेच रहे थे। RPF ने तोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कल उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। जांच के बाद कोई बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। गुरुवार को पुलिस के बड़े अधिकारी मीडिया को ब्रीफ करेंगे।
रेलवे सुरक्षा बल ने बुधवार को रेलवे के चीफ पार्सल
सुपरवाइजर राजेंद्र कुमार गोसाई, पार्सल सुपरवाइजर राकेश पासी व राजीव मित्तल को विभाग का रिकॉर्ड बिना अनुमति के बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इनमें पार्सल विभाग के गोपनीय और कीमती दस्तावेज है। बताया जा रहा है कि आरोपी मंगलवार शाम को यह दस्तावेज कबाड़ी को बेचने की तैयारी में थे। तभी किसी ने RPF को सूचना दी। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने दस्तावेजों के 12 बोरों को अपने कब्जे में ले लिया। वहीं दो पार्सल सुपरवाइजरों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। जबकि चीफ पार्सल सुपरवाइजर को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। इन 12 बोरों में रेलवे के कीमती दस्तावेज बताए जा रहे हैं। इस प्रकरण में अन्य कर्मचारी भी रडार पर है।
पांच हजार में हुआ था सौदा
पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों आरोपी दस्तावेजों के 12 बोरों को पांच हजार के लालच में बेच रहे थे। इसमें कोई घोटाला भी हो सकता है। जिसकी जांच की जा रही है। वहीं कबाड़ी से भी पूछताछ की जाएगी।
बिना समिति के नहीं बेच सकते कोई दस्तावेज
RPF इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने बताया कि रेलवे के दस्तावेजों को नष्ट किया जाता है न कि बेचा जाता है। रेलवे विभाग द्वारा इसके लिए अधिकारियों के समिति बनाती है। इसके बाद दस्तावेजों की जांच की जाती है और फिर आगे की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। लेकिन तीनों आरोपी बिना अपने बड़े अधिकारी को बताए दस्तावेजों के 12 बोरे बेच रहे थे। ऐसे में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार को तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।