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यूनिक कार्ड से अब किन्नरों की होगी खुद की पहचान

अधिकारों को संरक्षित करने के साथ ही कल्याणकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ

वाराणसी। दूसरों की खुशी में ही अपनी खुशी ढूंढने वाले किन्नरों के लिए यह खबर सुकून देने वाली है । अब किन्नरों को जल्द ही ‘यूनिक कार्ड’ जारी किये जायेंगे । यह उनके किन्नर होने का ‘प्रमाणपत्र’ तो होगा ही, उनके ‘पहचानपत्र’ ( आईडी ) के रूप में भी काम आयेगा। ‘यूनिक कार्ड’ उनके अधिकारों को संरक्षित करने के साथ ही उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी दिलायेगा ।

किन्नरों को समाज का हिस्सा बनने व पहचान के लिए काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ता रहा है। उनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर ‘यूनिक कार्ड ’प्रदान करने की पहल में तेजी आई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया कि किन्नरों को उनका अधिकार दिलाने के लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार गंभीर है। संयुक्त सचिव भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय एवं सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने समाज में रहने वाले उभयलिंगी (किन्नर) व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रमाण पत्र जारी करने एवं उन्हें आईडी कार्ड प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। यह यूनिक कार्ड उन्हें ट्रांस जेंडर के लिए बनायी गयी कल्याणकारी योजनाओं के साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने में काफी मददगार साबित होंगे । यूनिक कार्ड के लिए किन्नर सिर्फ आॅनलाइन ही आवेदन कर सकते है। आॅफ लाइन आवेदन की फ़िलहाल कोर्इ व्यवस्था नहीं है। आॅनलाइन आवेदन करने के कुछ ही दिनों में उनका कार्ड बन जायेगा। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उनका पहले किन्नर होने का प्रमाणपत्र बनेगा, फिर उसके जरिए आधार कार्ड व यूनिक कार्ड बनाया जाएगा।

ऐसे करें आवेदन-

जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया कि यूनिक कार्ड प्राप्त करने के लिए कोई भी किन्नर वेवसाइट (ट्रांसजेंडर डाट डीओएसजेई डाट गर्वनमेंट डाट इन) (Transgender.dosje.gov.in/Admin ) पर आनलाइन आवेदन कर सकता है। इसके लिए फोटो, आधार कार्ड एवं अन्य आवश्यक अभिलेख उसे इस वेवसाइट पर अपलोड करने होंगे । इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से उसे ट्रांसजेंडर पहचानपत्र एवं प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।

यूनिक कार्ड से मिलेगी राहत-

ट्रांस जेंडर के अधिकारों के लिए काफी समय से संघर्ष कर रहे “गुलिस्ता एकता किन्नर ट्रस्ट” के सलमान चौधरी कहते हैं -किन्नरों के लिए यूनिक कार्ड काफी राहत देगा। वह बताते है कि थर्ड जेंडर होने का पता चलते ही अधिकतर लोगों को अपने परिवार से दूर होकर किन्नर समुदाय में शामिल होना पड़ता है। ऐसे सभी लोगों को अपनी वास्तविक पहचान भी छिपानी होती है। दस्तावेजों के अभाव में उन्हें अपना आधारकार्ड या वोटर आर्इडी बनवाने में काफी दिक्कतें होती हैं । ऐसे संकट में उनके गुरू का पहचानपत्र ही अभी तक उनके काम आता रहा है। किन्नर समुदाय में शामिल होने के बाद वह लोग अपने गुरू को ही माता व पिता मानते है। अभी तक आधारकार्ड या वोटर आर्इडी बनवाने में उनके गुरू के ही दस्तावेज काम आते रहे हैं । जब उनका खुद का प्रमाणपत्र और पहचानपत्र बन जाएगा तो अधिकांश समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

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