वाराणसी। टोक्यो ओलिंपिक में भारत के खिलाड़ियों की जीत का खुमार अब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी दिखाई देगा। इस बार 30 अगस्त को जन्माष्टमी पर सुदर्शन चक्रधारी वासुदेव वाराणसी में मुरली छोड़ कर हॉकी स्टिक और भाला थामेंगे। दरअसल, टोक्यो में जेवेलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता और भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक देश को दिलाया, इसे जनता अब तक सेलिब्रेट कर रही है। इसलिए इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सजाई जाने वाली झांकियों और कलाकृतियों में काशीवासियों को नंदलाला हॉकी स्टिक, गेंद और भाले के साथ लीला करते दिखाई देंगे।
ओलिंपिक में जीत के बाद ही कर लिया था तय
देवी-देवताओं की मूर्तियों को खास आकार देने वाले दुर्गाकुंड के शिल्पकार गणेश पटेल ने बताया कि उन्होंने ओलिंपिक में देश को मिले पदकों के बाद ही तय कर लिया था कि इस बार की जन्माष्टमी में वह कुछ अलग करेंगे। ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के पदक पक्के हो जाने के बाद वह मूर्तियों को तैयार करने में जुटे। कृष्ण की मूर्ति के आकार के अनुपात में उन्होंने हॉकी स्टिक, गेंद और भाले को तैयार किया। इसके बाद महज 2 सप्ताह में ही उन्होंने मूर्तियां बनाकर तैयार कर दी। बताया कि बाजार में इस यूनिक कृष्ण की मांग काफी ज्यादा है।
गणेश पटेल पिछले कई वर्षों से मूर्तियों को लेकर लगातार नए-नए प्रयोग करते आ रहे हैं। अपने काम की शुरुआत उन्होंने तीन वर्ष पहले तब की थी, जब उत्तर प्रदेश में दोपहिया वाहन चालकों को अभियान चला कर हेलमेट पहनने के लिए पुलिस की ओर से जोर दिया जा रहा था। उस दौरान गणेश पटेल ने हेलमेट पहने और ट्रैफिक नियमों के पालन का संदेश देते हुए श्रीकृष्ण की मूर्ति को तैयार किया था। अगले वर्ष 2020 में कोविड महामारी की पहली लहर में उन्होंने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर लड्डू गोपाल को कोरोना योद्धा की तरह से पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर में दर्शाया था। अब इस बार एक बार फिर उन्होंने नया प्रयोग किया है।