कानपुर। सीसामऊ नाले ने गंगा को सबसे अधिक प्रदूषित किया है। मॉनसून से पहले हर साल इस नाले की सफाई की जाती है। लेकिन 31 मई को डेडलाइन खत्म होने के बाद भी इस नाले की सफाई अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है। इसको लेकर नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने अभियंताओं को कड़ी फटकार लगाई है। अभियंताओं ने नाले की 80 परसेंट सफाई का दावा किया है, लेकिन हकीकत में नाले की सफाई का काम आधा भी पूरा नहीं हो सका है।
चीफ इंजीनियर ने अभियंताओं को दी निलंबन की चेतावनी
नाले की सफाई को लेकर नगर निगम के अभियंता लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। सफाई कार्य को पूरा करने के लिए डेडलाइन भी बढ़ाई जा चुकी है। इसके बावजूद भी लापरवाही जारी है। इसको देखते हुए चीफ इंजीनियर एसके सिंह ने अभियंताओं को निलंबन की चेतावनी जारी की है। उनसे कहा गया है कि सफाई का काम 7 दिन में पूरा नहीं हुआ तो निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
बारिश में खोल दिया जाता है सीसामऊ नाला
इस नाले की सफाई इसलिए भी बेहद जरूरी है कि क्योंकि बारिश होते ही ये नाला खोल दिया जाता है और गंगा में 60 करोड़ लीटर से ज्यादा बारिश के पानी के साथ सीवेज भी जाता है। ऐसे में नाला सफाई का कार्य पूरा नहीं हुआ तो टनों की मात्रा में सिल्ट और कूड़ा-करकट भी गंगा में जाएगा।
निलंबन के लिए नगर आयुक्त को लिखा जाएगा
नगर निगम के चीफ इंजीनियर एसके सिंह ने बताया कि नाले की सफाई के लिए अभियंताओं को चेतावनी दी गई है। इसके बाद भी नाला सफाई कार्य में लापरवाही की गई तो निलंबन के लिए नगर आयुक्त को लिखा जाएगा।