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एंबुलेंस केस में मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ीं

बाराबंकी। बांदा जेल में बंद गैंगस्टर और बाहुबली BSP विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बाराबंकी पुलिस ने एंबुलेंस केस में मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉक्टर अलका राय और उनके भाई एसएन राय को गिरफ्तार कर लिया है। इस प्रकरण में फर्जी दस्तावेजों पर अल्का राय से साइन कराने वाले मऊ के राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार किया था। राजनाथ यादव के बयान के आधार पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है। सभी पर फर्जी कागजात के आधार पर एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराने का आरोप है। इस केस में मुख्तार अंसारी को भी आरोपी बनाया गया है।

बाराबंकी के नंबर की एंबुलेंस से कोर्ट में पेश हुआ था मुख्तार

दरअसल, दरअसल, बीते 31 मार्च को जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था तब उसे एक यूपी नंबर की एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था। इस एंबुलेंस पर बाराबंकी का नंबर था। हालांकि पुलिस का शिकंजा कसते ही मुख्तार के गुर्गे उसे रुपनगर में एक ढाबे के पास लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए थे। बाराबंकी पुलिस एंबुलेंस को पंजाब से अपनी कस्टडी में ले चुकी है। वर्तमान में मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है।

जांच में फर्जी मिले थे दस्तावेज

एंबुलेंस (UP 41 AT 7171) का बाराबंकी कनेक्शन निकलने के बाद परिवहन विभाग व स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्तावेजों की पड़ताल की गई। इसमें पाया गया कि परिवहन विभाग में मऊ स्थित श्याम संजीवनी हॉस्पिटल का लेटर और डॉक्टर अलका राय का वोटर ID कार्ड लगाया गया था। लेकिन, रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट व मकान का पता फर्जी पाया गया। एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन डॉक्टर अलका राय के नाम दर्ज है, इसलिए बाराबंकी के ARTO ने उनके खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया। यह केस नगर कोतवाली में IPC की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 की धाराओं में दर्ज है। इस प्रकरण में मुख्तार अंसारी को 120B का आरोपी बनाया गया है। इस केस में पुलिस ने डॉक्टर अलका राय के बयान के आधार पर मऊ के थाना सराय लखनी के अहिरौली गांव निवासी राजनाथ यादव को पकड़ा था। उस पर आरोप है कि उसने डॉक्टर राय पर एंबुलेंस को लेकर दबाव बनाया था।

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