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वोटिंग के बीच मोदी का संबोधन:चुनावी राज्य बंगाल और केरल में पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले का उठाया मुद्दा

नई दिल्ली। 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में वोटिंग के बीच भाजपा मंगलवार को अपना 41वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मोदी ने चुनावी राज्य बंगाल और केरल में पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले का मुद्दा उठाते हुआ कहा कि विरोधी आम जनता को भड़का कर देश का नुकसान कर रहे हैं।

मोदी के भाषण की अहम बातें

आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को याद किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जिला ऐसा नहीं होगा जहां किसी कार्यकर्ता की दो-तीन पीढ़ियां नहीं खप गई हों। ऐसे हर कार्यकर्ता को पार्टी नमन करती है और अटल जी, श्माप्रसाद मुखर्जी, आदरणीय आडवाणी जी, आदरणीय मुरली मनोहर जोशी जी जैसे नेताओं का हमें मार्गदर्शन मिलता रहा है। उन्हें मैं प्रणाम करता हूं।

मोदी ने कहा कि व्यक्ति से बड़ा दल और दल से बड़ा देश, यह भाजपा की परंपरा रही है। श्यामाप्रसाद जी के सपने की ही ताकत थी जो हम आर्टिकल 370 को हटाकर कश्मीर को संवैधानिक अधिकार दे पाए। अटल जी ने एक वोट से सरकार गिरने के फैसले को स्वीकार किया। हमारे यहां राजनीतिक स्वार्थ के लिए दलों के टूटने की अनेकों घटनाएं हैं, लेकिन देश के लिए दलों के विलय को जनसंघ ने कर के दिखाया।

गांव-गरीब को साधा
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनसंघ से लेकर अभी तक ये तप ये तपस्या हमारे कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी प्रेरणा है। कोरोना ने पिछले साल देश के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया था, लेकिन आप अपना सुख-दुख भूलकर लोगों की सेवा करते रहे। जो काम आप गांव-गांव और शहरों में कर रहे थे, वैसा ही काम अंत्योदय की प्रेरणा से हमने किया। आज भाजपा से गांव-गरीब का जुड़ाव इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि आज वह अंत्योदय को साकार होते देख रहा है।

युवाओं को रिझाने की कोशिश
मोदी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी में जिन युवाओं ने जन्म लिया है वे भाजपा की नीतियों के साथ हैं। गांधी जी कहते थे निर्णय और योजनाएं वह हों जो समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाएं। हमने इसे अपनाया। आज देश में आखिरी पंक्ति में खड़ा व्यक्ति इसे महसूस कर रहा है। देश के हर गरीब के पास बैंक अकाउंट हो, उसके घर में नल और बिजली कनेक्शन हो, हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर हो ऐसी अनेक बातें इसके लिए भाजपा की सरकारें चाहे केंद्र हो या राज्य हम सबने मिलकर इन लक्ष्यों को जुटाया है।

किसानों पर भी फोकस, नए कृषि कानूनों की खूबियां गिनाईं
प्रधानमंत्री बोले कि हमारी कार्यशैली है कि किसी से कुछ भी छीनते नहीं हैं और छीने बिना भी बल्कि उसे उसके हक का मिले उस पर संवेदनशीलता से काम करते हैं। हमारे देश में अस्सी प्रतिशत से ज्यादा छोटे किसान हैं। इनकी संख्या दस करोड़ से भी ज्यादा हैं। पहले की सरकारों की प्राथमिकता में ये छोटे किसान नहीं हुए, लेकिन हमारी सरकार ने इन पर फोकस किया। चाहे नए कृषि कानून हों, फसल बीमा योजना में सुधार हो, प्राकृतिक योजना में मुआवजा हो, या यूरिया का नीम कोटिंग हो, ऐसी हर योजना का लाभ छोटे किसानों को हुआ है।

1980 में हुई थी पार्टी का स्थापना

भाजपा की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई, लेकिन इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार पर भारत के चुप रहने पर जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की।
1967 में भारतीय जनसंघ एवं दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में कई राज्यों में कांग्रेस का एकाधिकार टूटा और कांग्रेस को राज्यों में हार मिलनी शुरू हुई। 1977 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल खत्म कर चुनाव कराने का फैसला किया तो जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर सभी कांग्रेस-विरोधी दल एकजुट हुए और ‘जनता पार्टी’ बनाई। भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय 1 मई 1977 को हुआ।
जनता पार्टी का प्रयोग ज्यादा दिन नहीं चला। आपसी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई। कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले जनता पार्टी में नहीं रहेंगे। तब 6 अप्रैल 1980 को नए संगठन के तौर पर भारतीय जनता पार्टी बनी। अटल बिहारी वाजपेयी पहले अध्यक्ष बने।

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