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वाराणसी की निरुपमा को “मिशन शक्ति” पुरस्कार

वाराणसी, 20 अगस्त । लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, आॅडिटोरियम में शनिवार 21 अगस्त को मिशन शक्ति 3.0 का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, कार्यक्रम में उ0 प्र0 की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन भी शामिल होंगी। इस अवसर पर प्रदेश की 75 ऐसी महिलाओं को चयनित किया गया है जिन्हें मिशन शक्ति के पूर्व के चरणों में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु मिशन शक्ति पुरस्कार भी दिये जाएंगे। मिशन शक्ति के दौरान प्रदेश में अभियान का नेतृत्व करने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग से वाराणसी जनपद की संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह  को चुना गया है।
निरूपमा सिंह, ने भी कोविड के जिला बाल संरक्षण इकाई में कार्यरत होने के साथ-साथ, वन स्टॉप सेंटर, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष आदि के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई। मिशन शक्ति अभियान के दौरान निरूपमा का फोकस रहा कि ऐसे तंत्र बनायें जायें जो मिशन के बाद भी महिलाओं विशेषकर बालिकाओं को सुरक्षा तथा संरक्षण प्रदान करें। इस हेतु उन्होंनें ग्राम बाल संरक्षण समिति व ब्लॉक बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठको कराई औेर बालिकाओं को बाल विवाह व यौन शोषण के मुद्दों पर विशेष रूप से जागरूक किया। समस्त ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों को शामिल करते हुये उन्होंनें विकास खंड स्तर पर वाटसऐप ग्रुप बनायें जिससे ग्राम स्तर तक वे स्वंय महिलाओं तथा बालिकाओं के मुद्दों को तकनीक के माध्यम से पहुंचा सके साथ ही इसका परिणाम यह रहा कि जन सामान्य के मध्य महिलाओं तथा बालिकाओं से संबंधित मुद्दों को प्रशासन तक पहुंचाने का उन्हें भी एक माध्यम मिला। निरूपमा ने मिशन के दौरान संपूर्ण वाराणसी में बाल-विवाह के विरूद्ध जन-सामान्य को जागरूक करने के प्रयास किये। कोविड के दौरान ही मिशन के अंतर्गत 18 बाल विवाहों की सूचना प्राप्त होने पर उन्हें रूकवाया गया। इस दौरान कई मौकों पर उन्हें यौन शोषण के प्रकरणों की जानकारियां प्राप्त हुई, जिनपर तत्काल कार्यवाही कराते हुये उनके द्वारा सरवाइवरस् को रैस्क्यू किया गया। मिशन के अंतर्गत बाल संरक्षण के मुद्दों पर लगातार बैठक के परिणाम स्वरूप जनपद में 193 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने हेतु चिन्हित किया गया है, जिनमें औपचारिक कार्यवाही प्रचलित है। विभाग की ओर से नेतृत्व करते हुये उनके द्वारा महिलाओं व बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, को भी महिलाओं के प्रति हिंसा के मुददों पर प्रशिक्षित किया गया।

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