इंदौर। कोरोना महामारी में भी कुछ लोग पीड़ितों की मदद की बजाय उनकी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लोग सिर्फ पैसों के लालच में मरीजों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। ताजा घटना इंदौर की है। यहां एक आरोपी ने पानी भर कर टोसिलिजुमैब (टोसी) के इंजेक्शन ढाई-ढाई लाख में बेच दिए। उसके पास जैसे-जैसे पैसे आते गए, उसने घर के लिए कूलर, फ्रिज, अलमारी और मोबाइल के साथ सालभर का राशन खरीद लिया। इतना ही नहीं, उसने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए हजारों के कपड़े खरीद लिए और कई गिफ्ट भी दिए। लॉकडाउन खुलने के बाद आरोपी अपनी गर्लफ्रेंड को घुमाने ले जाने वाला था।
इंदौर पूर्व के SP आशुतोष बागरी के मुताबिक पानी भरकर टोसिलिजुमैब के इंजेक्शन बेचने के मामले में पकड़ा गए सुरेश यादव ( उम्र 29 साल) के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। सुरेश ने कबूला है कि वह पांच लोगों को दो से ढाई लाख रुपए में इंजेक्शन बेच चुका है।
TI तहजीब काजी के मुताबिक सुरेश यादव लक्ष्मणपुरा गली नंबर-3 बाणगंगा में रहता है। एक पीड़ित ने थाने में बताया था कि बदमाश ने उसे टोसी का इंजेक्शन बताकर ढाई लाख रुपए में पानी का इंजेक्शन बेचा है। साथ ही बताया कि आरोपी सोशल मीडिया पर एक्टिव है और उसने मेरा (पीड़ित का) मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया है।
पुलिस ने इस तरह पकड़ा
SI प्रियंका शर्मा को सोशल मीडिया ग्रुप इंदौर स्मार्ट सिटी पर टोसी इंजेक्शन की डिमांड डालने के लिए कहा गया, तभी आरोपी ने उनसे चैट की। बताया कि वह इंजेक्शन दे देगा। उसकी असल कीमत 40 हजार है, लेकिन अभी ब्लैक में ढाई लाख रुपए में मिलेगा। ऐसा कहकर आरोपी ने प्रियंका से ढाई लाख रुपए में सौदा कर लिया।
मंगलवार को आरोपी ने प्रियंका को विजय नगर में राधेश्याम पहलवान के घर के पास मिलने के लिए बुलाया। आरोपी ने सब इंस्पेक्टर से यह भी कहा कि रुपए शकर या धान की थैली में लाना। पुलिस पूछे तो बोल देना कि घर के लिए राशन लेने आई थी।
आरोपी से सौदा तय होने के बाद थाने के जवान भरत को ऑटो ड्राइवर बनाया और SI ग्राहक बनकर गईं। मौके पर आरोपी ने रुपए की थैली लेकर प्रियंका से कहा कि जल्दी से चले जाओ नहीं तो पुलिस आ जाएगी। इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया। आरोपी को यह नहीं मालूम था कि जिसे वह इंजेक्शन दे रहा है वह खुद ही पुलिस स्टाफ है।
सिर्फ महिलाओं को देता था टोसिलिजुमैब इंजेक्शन
ठग इतना शातिर था कि जब उसे इंजेक्शन के लिए मैसेज आते थे तो वह पहले यह पता कर लेता था कि जिसे इंजेक्शन चाहिए है वह महिला है या पुरुष। इसके बाद उससे वह सौदा तय करता था। वह पुरुषों को बड़ी मुश्किल से इंजेक्शन देता था, जबकि लड़कियों को आसानी से बेच देता था।