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शहीद राजकुमार का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया गया, सरयू तट पर होगा अंतिम संस्कार

अयोध्या। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा बॉर्डर पर नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तर प्रदेश में अयोध्या जिले के रहने वाले राजकुमार यादव के घर पर इस समय मातम का माहौल है। उनका पार्थिव शरीर सोमवार की देर रात उनके रानोपाली स्थित आवास पर लाया गया। जिस पर परिजनों में कोहराम मच गया। कैंसर पीड़ित बुजुर्ग मां जब शहीद बेटे के पार्थिव देह तक पहुंची तो मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में आंसू थे। कुछ पल ठहकर मां ने बेटे को देखा, लेकिन उसके बाद वह बेसुध हो उठीं। वहीं, पत्नी ज्ञानमती व बच्चे का रो-रोकर बुरा हाल है। अंतिम संस्कार सरयू तट पर राजकीय प्रोटोकॉल के साथ सम्पन्न होगा।

CRPF के कमांडेंट छोटे लाल ने बताया कि शहीद जवान का सेना की सलामी के साथ श्रद्धांजलि का कार्यक्रम के बाद सरयू तट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। शव यात्रा में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी समेत तमाम लोग उमड़े हैं। इस बीच नगर निगम शहीद जवान के घर तक सड़क बनाने में जुट गया है। जिसका नामकरण शहीद के नाम पर होगा। सरकारी अमला दिन भर उनके मकान पर अंतिम संस्कार की तैयारी का जायजा लेता रहा।

देश भक्ति की प्रेरणा देते थे राजकुमार

शहीद राजकुमार के मकान के सामने जमा उनके परिवार व पड़ोस की युवा पीढ़ी उनकी देश भक्ति की प्रेरणा को याद करते हुए बताती है कि वे जब भी गांव में छुट्टी पर आते थे तो हम लोगों को देश भक्ति का पाठ पढ़ा कर सेना अथवा पुलिस सेवा में जाने की प्रेरणा देते थे। जिसका परिणाम था कि चचेरे भाई आशीष CRPF व मौसेरे भाई रामतीरथ सेना में भर्ती हो पाए। वे अपने दोनों बच्चों शिवम वे हिमांशु को भी आर्मी की नौकरी में ले जाने की बात करते थे। गांव के पड़ोसी मोहित पांडे ने बताया कि वे लोग भी पुलिस व सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। सेना भर्ती में दो बार रेस में सफल भी हो चुके हैं।

सरकार की सहायता राशि दोगुना की जाए

शहीद जवान के छोटे भाई राम विलास यादव का कहना है कि सरकार ने 50 लाख रुपए व परिवार में एक को नौकरी की घोषणा की है। क्या देश के लिए कुर्बान होने वाले देश भक्त के परिवार के लिए इतनी राशि काफी है? जबकि उनकी पत्नी ज्ञानमती के दो बच्चे छोटे हैं। दो भाई बेरोजगार हैं। बहन Bed कर रही है। उसकी शादी नहीं हुई है। जमीन न के बराबर है। मां कैंसर से पीड़ित मौत से संघर्ष कर रही है। इकलौते शहीद के वेतन व बटाई करके परिवार चलता था। ऐसे में हमारी CM से मांग है कि जो सहायता का ऐलान किया गया है उसे दोगुना किया जाए। मेरे शहीद भाई के बच्चों की उच्च शिक्षा तक निःशुल्क शिक्षा व उनकी नौकरी की गारंटी दी जाए।

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