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व्यापारी से 43 लाख रुपये छीनने वाले असिस्टेंट कमिश्नर और सीटीओ हुए फरार

लखनऊ। मथुरा के चांदी कारोबारी प्रदीप कुमार अग्रवाल से 43 लाख रुपए छीनने वाले वाणिज्यकर विभाग के दो अफसर फरार हो गए है। पिछले दिनों सीएम से हुई शिकायत के बाद जांच कमिटी बनी थी। इसमें दो अधिकारी दोषी पाए गए थे और उनको विभाग ने निलंबित कर दिया। निलंबन की कार्रवाई के बाद असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार और वाणिज्य कर अधिकारी शैलेन्द्र कुमार के खिलानऊ मुकदमा दर्ज कराया गया। अब सुनवाई का समय आया तो गिरफ्तारी के डर से वह फरार हो गए है। दोनों को पिछले कई दिन से पुलिस तलाश रही है। लेकिन बहुत दिनों तक कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद उनको फरार घोषित कर दिया गया है। दोनों ही अधिकारियों पर 25 -25 हजार रुपए का इनाम भी पुलिस प्रशासन की तरफ से रखा गया। उनके परिवार वालों से भी मामले में पूछ- ताछ चल रही है।

यह था पूरा मामला

मथुरा के चांदी व्यापारी प्रदीप अग्रवाल 22 अप्रैल को अपनी गाड़ी से ड्राइवर राकेश चौहान के साथ व्यापार के संबंध में बिहरा के कटिहार गए थे। वहां उन्होंने 44 लाख रुपये के चांदी की ज्वैलरी बेची। इसमे से 43 लाख रुपये एक थैले में भरकर उन्होंने गाड़ी में रख लिए और एक लाख रुपये जेब में रखकर वे मथुरा के लिए वापस लौट रहे थे। 30 अप्रैल की रात वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के फतेहाबाद टोल प्लाजा पर पहुंचे। यही पर एक सिपाही ने उनकी गाड़ी को रोककर साइड में लगाने को कहा। कुछ देर बातचीत के बाद प्रदीप को जीएसटी कार्यालय चलने के लिए कहा गया। वहां पहुंचने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदीप की गाड़ी की तलाशी ली। इस दौरान गाड़ी में रखे 43 लाख रुपए से भरे बैग को निकाल लिया और कहने लगे कि इसे आयकर विभाग को सौंपेंगे। इसके बाद पूछने लगे कि गाड़ी में चांदी कहां रखी है। व्यापारी ने बताया कि चांदी बेचकर ही उन्हें 43 लाख रुपये मिले हैं। इसके बाद वाणिज्यकर अधिकारी व्यापारी को यह कह कर धमकाने लगे कि अगर अपनी खैर चाहते हो तो बैग में रखे रुपए को भूल जाओ। अगर बात नहीं मानी तो झूठे मुकदमे में फंसा देंगे। रुपये का बैग लेने के बाद अधिकारियों ने प्रदीप अग्रवाल को देर रात छोड़ दिया।

व्यापार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष से दर्ज कराई शिकायत

मामले की जानकारी कारोबारी ने व्यापार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत को बताई। इस मामले में आगरा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। आगरा पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद इसकी जानकारी वाणिज्यकर कमिश्नर को दी गई। यहां तक की जब सीएम योगी आदित्यनाथ पिछले महीने आगरा के दौर पर गए थे तो रविकांत ने उसको यह मामला बताया। इसके बाद तत्काल कार्रवाई की गई। विभाग द्वारा कराई गई प्राथमिक जांच में असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर अजय कुमार, वाणिज्यकर अधिकारी शैलेन्द्र कुमार, आरक्षी संजीव कुमार और प्राइवेट गाड़ी के ड्राइवर दिनेश कुमार का नाम सामने आया। इसी के बाद कमिश्नर ने दोनों वाणिज्यकर अधिकारियों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए। इन सभी के खिलाफ मुकदमा भी चलाया गया। लेकिन अब दोनों गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए है।

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