☀ शंकराचार्य परिषद् ☀
04 अप्रैल, 2021 (रविवार) सुप्रभात
पूज्य स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज आशीर्वचनम्
“संसार में कोई मनुष्य दान देने से प्रिय होता है, कोई अपने मधुर वचन बोलने से प्रिय होता है तो कोई मन्त्र तथा औषध के असर से प्रिय होता है, किंतु जो वास्तव में प्रिय है, वह तो सदा प्रिय ही रहता है”।