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शहरवासियों की दुर्दशा के लिए नगर निगम दोषी – अनिल श्रीवास्तव

वाराणसी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व जोनल प्रवक्ता अनिल श्रीवास्तव “अन्नु” ने एक दिन की भारी बरसात में शहर व शहरवासियों की दुर्दशा के लिए सीधे सीधे नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया और मेयर व नगर आयुक्त को लापरवाह व गैर जिम्मेदार बताया है। मेयर लगातार लापता हैं और नगर आयुक्त कोरोना की चादर ओढ़ अपनी कमियों व लापरवाहियों पर पर्दा डाल रहे।

अनु ने कहा कि यह सामान्य सी बात है कि नगर के नाले व मेनहोल की सफाई वर्षा पूर्व हो जाने चाहिए जिससे सीवर चोक न हो पर मेयर , कार्यकारिणी व नगर आयुक्त ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ा जिसका खामियाजा सम्पूर्ण नगरवासियों को भुगतना पड़ा। एैसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जहां भारी जलजमाव न हुआ हो यहां तक की करोड़ों रुपये खर्च कर बनाया गया नवनिर्मित गोदौलिया दशाश्वमेध मार्ग भी उसकी चपेट में आया जबकि दावा यह था कि निर्माण सीवर व ड्रेनेज सिस्टम को ध्यान में रखकर कराया गया है। नगर आयुक्त का यह कहना कि वर्षा समय से पूर्व हो गया और कोरोना के चलते सीवर की सफाई पूरी न हो सकी अपनी कमियों व लापरवाहियों पर पर्दा डालने की कोशिश है।

अनु ने आरोप लगाते हुए सवाल पूछा कि जबसे वाराणसी संसदीय क्षेत्र से माननीय प्रधानमंत्री जी का निर्वाचन हुआ है तब से भाजपा जनप्रतिनिधि यह दावा करते रहे कि नगर की मूलभूत सुविधाओं के लिए वाराणसी को करोड़ों रूपये आवंटित किए गये जो अब तक के इतिहास में नहीं हुए। सवाल यहां यह उठता है कि उन रूपयों से कराये गये विकास कार्यों की गुणवत्ता क्या है? नालों की सफाई व ड्रेनेज सिस्टम सुधार के नाम पर आवंटित धन का उपयोग कहां और कितना हुआ? इन कार्यों की निगरानी कौन कर रहा था ? नगर निगम ने बरसात पूर्व जलभराव क्षेत्र व उनसे निबटने के उपायों पर सदन की अथवा कार्यकारिणी की बैठक क्यों नहीं आहूत की? और क्यों नहीं नगर आयुक्त ने समय रहते नालों व सीवर की सफाई करवाई जो एक बरसात में चरमरा कर टूट गया?

अन्नु ने आगे कहा कि यह वाराणसी शहर का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि मेयर व शहर के सभी विधायक व जनप्रतिनिधि केन्द्र शासित व प्रदेश शासित दल भाजपा के ही हैं और प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र भी तथा पिछले 31वर्षों से वाराणसी नगर निगम पर भाजपा का कब्जा है तब यह हाल है बनारस का। यहां यह आरोप भी कोई नहीं लगा सकता कि वाराणसी नगर निगम की शासन उपेक्षा कर रहा।

अन्नु ने मांग की कि पिछले सात साल में नगर की सफाई व्यवस्था ,पेयजल व्यवस्था, सीवर व ड्रेनेज सिस्टम सुधार के लिए केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा कितना धन कब कब आवंटन हुआ और उससे कौन कौन से कार्य हुए उसका पूरा ब्योरा सार्वजनिक करे वाराणसी नगर निगम जिससे यह पता चल सके कि यह व्यवस्थागत दोष किसका है।

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