बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन कई बार जमीनी हकीकत इससे कहीं अलग होती है। यूपी के बाराबंकी सेस्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पलात ले जाने के लिए एम्बुलेंस नसीब नहीं हुई और उसकी मौत हो गयी। सरकारी व्यवस्था ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर दिया। बता दें कि पूरा मामला सीएचसी जैदपुए से जुड़ा है। यहां पर इलाज के लिए देर रात आई एक गर्भवती को गंभीर हालत में जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो परिजनों ने निजी वाहन की तलाश शुरू की। तब तक दर्द से छटपटा रही गर्भवती महिला की मौत हो गई। मामला जैदपुर थाना क्षेत्र के मीनापुर मजरे मौथरी निवासी किसान मनोरथ की पत्नी श्रीमती से जुड़ा है। जिसकी उम्र 32 साल थी।
परिजनों के मुताबिक जिस एंबुलेंस के पहुंचने की बात काल सेंटर से बताई गई, वह सीएचसी के बाहर ही खड़ी थी। परिजनों ने उसे चलने को कहा तो चालक ने कहा कि उसकी गाड़ी में डीजल नहीं है। फिर परिजन निजी वाहन की तलाश में जुटे ही थे कि तब तक प्रसूता की हालात और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। जिससे नाराज परिजनों ने सीएचसी पर जमकर हंगामा काटा। जिसकी सूचना मिलते ही डाक्टर, पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्हें समझाने बुझाने की काफी कोशिश की। परिवारीजनों ने पूरे मामले की शिकायत सीएमओ से की है। वहीं इस पूरी घटना पर बाराबंकी के सीएमओ डा. रामजी वर्मा ने बताया कि सीएचसी जैदपुर में एक प्रसूता की मौत एंबुलेंस के समय से न मिलने की वजह से होने की जानकारी मिली है। पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं, जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।