वाराणसी। पुलिस ने 21 मई को ताराशंकर हत्याकांड में रविवार को खुलासा किया। रोजाना की मारपीट से तंग आकर उसकी पत्नी ने ही अपने प्रेमी और उसके दोस्त से पति की हत्या करा दी थी। वारदात को अंजाम देने से पहले मृतक को जमकर शराब पिलाई गई थी। नशे में धुत होते ही पत्नी के प्रेमी ने पहले चाकू से गला रेता और फिर उसे सिर पर ईंट से ताबड़तोड़ वार किए। हत्याकांड के आरोपी मृतक की पत्नी कविता व उसके प्रेमी अजय यादव उर्फ पप्पू के साथ उसके दोस्त दीपक बिंद उर्फ दीपू को गिरफ्तार कर लिया गया है।
21 मई की शाम खनाव गांव मिला था ताराशंकर का शव
मामला छतेरी मानापुर गांव का है। यहां के निवासी ताराशंकर बिंद की बीती 21 मई हो हत्या कर दी गई थी। मृतक का शव खून से लथपथ खनाव गांव में रेडक्रॉस सोसाइटी की खंडहरनुमा बिल्डिंग के पीछे पड़ा मिला था। छतेरी मानापुर गांव निवासी मृतक के भाई सुनील कुमार ने पुलिस को बताया था कि भाई अपनी बेटी का मुंडन कराने के लिए मिर्जापुर के अदलपुरा में शीतला धाम मंदिर गया हुआ था। उसकी पत्नी और बच्चे तो घर आ गए थे, लेकिन भाई ताराशंकर नहीं लौटा। हमें लगा कि भाई किसी परिचित के घर गया होगा।
प्रेमी से कराई पति की हत्या, बोली- तंग आ चुकी हूं…पति से उसे मुक्ति दिला दो
पुलिस के मुताबिक, युवक ताराशंकर की हत्या उसी की पत्नी कविता ने कराई थी। मृतक की पत्नी कविता का शादी से पहले से ही गाजीपुर जिले के करंडा थाना के दीनापुर गांव निवासी आरोपी अजय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दरअसल, दीनापुर गांव में ही मृतक की पत्नी का मायका है। पुलिस की पूछताछ में कविता ने बताया कि वह शादी के पहले से ही अजय से प्यार करती थी। शादी होने के बाद भी उसका प्रेम प्रसंग चलता रहा। प्रेमी भाई बनकर घर आता-जाता रहता था, इस वजह से पति से उसकी अच्छी जान-पहचान थी। इधर, पति ताराशंकर कुछ ज्यादा ही शराब पीने लगा था और रोजाना उससे मारपीट करता था। इससे वह परेशान हो गई थी। इस बीच प्रेमी अजय से कहा था कि वह पति से उसे मुक्ति दिला दे। वहीं, पूछताछ में आरोपी अजय ने बताया कि प्रेमिका कविता का रोना वह बर्दाश्त नहीं कर सका और उसके पति की हत्या करने की ठानी। दोस्त दीपक को साथ देने को कहा तो वह भी तैयार हो गया।
20 मई को मार कर कोरोना से मौत दिखाने की थी तैयारी
इंस्पेक्टर रोहनिया प्रवीण कुमार ने बताया कि मृतक की पत्नी ने प्रेमी व उसके दोस्त के साथ मिलकर 20 मई को ही हत्या की प्लानिंग की थी। जिसके तहत 20 मई को कविता अपनी बेटी का मुंडन कराने शीतला धाम मंदिर जाएगी। किसी बहाने से पति ताराशंकर को गंगा किनारे ले जाकर गला दबाकर हत्या करने के बाद उसका शव बहा दिया जाता। कुछ दिनों बाद गांव में लोगों को बता दिया जाता कि कोरोना से मौत होने के कारण शव गंगा में बहा दिया गया है। हालांकि, 20 मई को बारिश हो गई तो कविता व उसके प्रेमी की सारी प्लानिंग फेल हो गई।
प्रेमी ने गला रेता, उसके दोस्त ने ईंट से कूंचा सिर
21 मई को वह पति ताराशंकर के साथ बेटी का मुंडन कराने शीतला धाम मंदिर गई। इस दौरान मंदिर में ही पति से पत्नी का प्रेमी अजय और दीपू मिले। भीड़-भाड़ काफी होने के कारण ताराशंकर की हत्या करना संभव नहीं प्रतीत हुआ तो दोनों उसे बेटी के मुंडन के उपलक्ष्य में शराब पिलाने की बात की। अजय ने उसे बाइक पर बैठा लिया। उधर, कविता अपने बच्चों के साथ ऑटो से ससुराल चली गई। प्रेमी के पति ताराशंकर को अजय और दीपू खनाव ले गए। खनाव में शराब पीने के बाद जब ताराशंकर नशे में धुत हो गया तो अजय ने चाकू से उसका गला रेत दिया। इसके बाद दीपू ने ईंट से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार किया। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों अपने घर चले गए।