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 बलिया में बंद अस्पताल की दशा सुधारने के लिए शंकराचार्य परिषद ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

बलिया में छुट्टा पशुओं का बसेरा बना है 500 बेड का अस्पताल
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी  मांग

वाराणसी । पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के बलिया  स्थिति पैतृक गांव इब्राहिमपट्टी में 500 बेड का अस्पताल इन दिनों छुट्टा पशुओं का बसेरा बना हुआ है। यह दशा तब है,  जब देश में कोरोना के चलते अस्पतालों में चिकित्सकीय सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। इस दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए शंकराचार्य परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। शंकराचार्य परिषद के सर्वपति (अध्यक्ष ) पूज्य स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में चिकित्सालय की चिकित्सकीय सुविधाओं को तत्काल बहाल करने की मांग करते हुए इसकी दुर्दशा के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए  पत्र में शंकराचार्य परिषद के सर्वपति (अध्यक्ष ) स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने कहा है कि आज हमारा राष्ट्र   अदृश्य राक्षस के प्रकोप से त्रस्त है । प्रतिदिन हम  बहुमूल्य मानव संसाधन हम खोते जा रहे हैं । विश्व के अन्य देश भी हमें दया व करुणा की दृष्टि से देख रहे हैं भारत में चित्सालयों की संख्या बहुत बड़ी है लेकिन यह आपदा उससे भी बड़ी है। यही कारण है कि स्थिति ठीक नहीं है । उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के बेल्थरा रोड तहसील में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जी के पैतृक गांव इब्राहिमपट्टी में स्थापित 500 बेड का चिकित्सालय छुट्टा पशुओं का बसेरा बना हुआ है। चिकित्सकीय उपकरण धूल खा रहे हैं ।

मानव समाज की त्रासदी के समय इतने बड़े चिकित्सालय का अनुपयोगी होना चिराग तले अंधेरा को दर्शाता है। शंकराचार्य परिषद द्वारा कई बार इस विषय पर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया गया है परंतु अब तक चिकित्सालय सक्रिय नहीं हो सका है जो स्वास्थ्य विभाग की अकर्मठता का परिचायक है ।साथ ही  एक विशाल जनसमुदाय के चिंता का विषय भी । शंकराचार्य परिषद ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि उक्त प्रकरण  तत्काल संज्ञान में लेते हुए चिकित्सालय का संचालन शुरू कराएं ।  साथ ही अब तक चिकित्सालय बंद रहने के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो

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