सूरत। कोरोना मरीजों की जान बचाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का एक और मामला अब सूरत शहर में सामने आया है। यहां ओलपाड इलाके में स्थित एक फार्म हाउस में ग्लूकोज और पानी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार किए जा रहे थे। पुलिस ने फार्म हाउस में छापा मारकर 60 हजार इंजेक्शन की खेप जब्त कर छह युवकों को अरेस्ट किया है।
अब तक पांच हजार इंजेक्शन बेच भी चुके
पुख्ता सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने फार्म हाउस पर छापेमारी कर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि वे अब तक करीब 5 हजार नकली इंजेक्शन मार्केट और मजबूर लोगों को बेच भी चुके हैं।
स्टीकर मुंबई से प्रिंट करवाकर लाए थे
आरोपियों ने पूछताछ में बताया इंजेक्शन की शीशी पर चिपकाने के लिए नकली स्टीकर उन्होंने मुंबई से प्रिंट करवाए थे। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी बिहार और महाराष्ट्र के हैं। पुलिस ने अभी आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं किया है। इस बारे में पुलिस का कहना है कि इनके तार गुजरात के अन्य शहरों से भी जुड़े हैं और सभी जगह छापेमारी की जा रही है।
बुधवार को वडोदरा के फार्महाउस से
बता दें, इससे पहले बुधवार को वडोदरा में पुलिस ने एक फॉर्म हाउस में न्यूमोनिया के इलाज में उपयोगी एंटीबायोटिक पर नकली रेमडेसिविर का स्टीकर चस्पा करने की फैक्ट्री पकड़ी थी। यहां से नकली रेमडेसिविर के 2200 इंजेक्शन जब्त किए गए थे।
अहमदाबाद के फाइव स्टार होटल से पकड़ाए 7 युवक
मंगलवार को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 7 गुजराती युवकों को अरेस्ट किया है, जो फाइव स्टार होटल में बैठकर रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर 100 रुपए की कीमत के 5000 टेट्रासाइकल इंजेक्शन हजारों रुपयों में बेच चुके हैं। होटल से टेट्रासाइकल के करीब 500 इंजेक्शन और रेमडेसिविर के नकली स्टीकर जब्त किए गए थे।