वाराणसी। जिले में विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक विवादित पोस्टर को लेकर एक बार फिर से चर्चा में हैं। वाराणसी में कैंट स्टेशन के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी और अरुण पाठक की फोटो लगे पोस्टर चस्पा किए गए हैं। जिस पर पीएम और सीएम पर अमर्यादित टिप्पणी की गई है।
अरुण पाठक ने अपने फेसबुक वॉल पर चस्पा किए गए पोस्टरों का वीडियो भी पोस्ट किया है। अरुण का दावा है कि ऐसे ही पोस्टर मऊ और गाजीपुर में भी लगाए गए हैं। मामले की जानकारी होने के बाद सिगरा थाने में कैंट रोडवेज चौकी प्रभारी मो. सूफियान खां की तहरीर के आधार पर अरुण पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
नेपाली युवक का सिर मुड़वाने पर दर्ज हुआ था मुकदमा
भेलूपुर क्षेत्र निवासी अरुण पाठक शिव सेना में कई वर्षों तक रहे और आज भी खुद को बाला साहब ठाकरे की विचारधारा का कट्टर समर्थक बताते हैं। महाराष्ट्र में जब कांग्रेस के साथ शिव सेना ने सरकार बनाई तो अरुण ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने विश्व हिंदू सेना संगठन बनाया।
साल 2020 में अरुण ने अस्सी घाट पर एक नेपाली युवक का सिर मुड़वा कर उससे जय श्रीराम का उद्घोष करा कर नेपाल और चीन विरोधी नारेबाजी कराई थी। इसे लेकर भेलूपुर थाने में अरुण पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि अरुण पाठक की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे है। इसके बावजूद तब से अब तक वह किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं दिखे और सोशल मीडिया में ही सक्रिय रहते हैं।
वीडियो पोस्ट कर प्रदेश सरकार पर लगाई आरोपों की झड़ी
अरुण पाठक ने शुक्रवार को फेसबुक पर 6 मिनट से ज्यादा का एक वीडियो भी पोस्ट किया और प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि लखनऊ में कमलेश तिवारी की सुरक्षा यदि प्रदेश सरकार ने न हटाई होती तो उनकी हत्या न होती। इसी तरह से नेपाल के प्रधानमंत्री ने माता सीता का अपमान किया तब उन्होंने उस पर भी नाराजगी जताई थी। उसके बाद उनके खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसीलिए वह भाजपा सरकार के खिलाफ हैं।
इसके विरोध में लोगों को जागरूक करते रहेंगे। उधर, सिगरा थाना प्रभारी अनूप कुमार शुक्ला ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से अरुण पाठक के विवादित पोस्टर की जानकारी मिली है। मुकदमा दर्ज करा कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है।