शांभवी पीठाधीश्वर ने पुस्तक भगवान शंकर को किया समर्पित
कोलकाता – डॉ विद्यासागर उपाध्याय द्वारा लिखित और शंकराचार्य परिषद द्वारा प्रकाशित “हिन्दू राष्ट्र” (अवधारणा) की पहली प्रति मंगलवार को बंगाल में भगवान शंकर को समर्पित की गयी । बंगाल में आयोजित एक सादे समारोह में शंकराचार्य परिषद के सर्वपति एवं शांभवी पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने उक्त पुस्तक भगवान शंकर को समर्पित किया।
उन्होंने शानदार रचना के लिए पुस्तक के लेखक डॉक्टर विद्यासागर उपाध्याय को बधाई दी। इस बीच डॉक्टर विद्यासागर उपाध्याय ने पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकरी दी । उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है की भारत कभी भी धर्मनिरपेक्ष नहीं रहा न तो स्वतंत्रता से पहले और न ही स्वतंत्रता के बाद । 1976 में पंथनिरपेक्ष शब्द भारतीय संविधान में जोड़ दिया गया। ऐसे में यह सवाल खुद ही उठता है कि क्या भारत इसके पहले पंथनिरपेक्ष नहीं था, या इस शब्द को जोड़ने के बाद और अधिक पंथनिरपेक्ष हो गया।
हकीकत तो यह है कि इस पंथनिरपेक्ष शब्द को डालने से हिंदुस्थान की मूल प्रवृत्ति नहीं बदली जा सकती । हिंदुस्थान अनादि काल से हिंदूराष्ट्र रहा है और आज भी है। हिंदुस्थान में रहने वाला प्रति व्यक्ति हिंदू है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य परिषद हिंदू राष्ट्र के लिए पूरे देश में अभियान चला रहा है। शंकराचार्य परिषद ने ही इस पुस्तक का प्रकाशन किया है। पूरी उम्मीद है कि यह पुस्तक हिंदू राष्ट्र के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उन्होंने लोगों से निवेदन किया कि इस पुस्तक को पढ़ें और हिंदुत्व के बारे में जानकारी कर गर्व का अनुभव करें।
इस तरह प्राप्त करें पुस्तक –
डॉ विद्यासागर उपाध्याय द्वारा लिखित और शंकराचार्य_परिषद द्वारा प्रकाशित “हिन्दूराष्ट्र” (अवधारणा) की प्रति पढ़ने के लिए कृपया इस नंबर पर +919045334333 अपना पता व्हाट्सएप्प कीजिये ।