लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में एक बार फिर कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई है। खबर है कि रक्षाबंधन के बाद योगी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। विस्तार में सहयोगी दलों को मौका देने के साथ ही जातिय समीकरण का फार्मुला भी लागू होगा। यूपी कैबिनेट में 5 से 6 नए चेहरे शामिल हो सकते है। हालांकि इस बार कैबिनेट बदलाव को लेकर कोई चर्चा नही है। दिल्ली में हुई हाईकमान की बैठक में इस बात पर मुहर लगी है कि विधान परिषद में खाली MLC के 4 सीटों के भरने के साथ ही कैबिनेट का विस्तार भी किया जा सकता है। गुरुवार को दिल्ली में हुई गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल की बैठक में नामों को लेकर भी चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो तय हुआ कि रक्षाबंधन से पहले एमएलसी के मनोनयन के लिए 4 नामों की लिस्ट सीएम राजभावन भेज देगे। एमएमलसी के मनोनयन के बाद कैबिनेट विस्तार किया जा सकता है।
इन चेहरों की है चर्चा
योगी कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों का लेकर भी तस्वीर भी थोड़ी साफ हुई है। भाजपा इस बार कैबिने विस्तार में अपने सहयोगी दलों को मौका दे सकता है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद और अपना दल के कार्यकारी आध्यक्ष आशीष पटेल को मौका मिल सकता है। साथ ही कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को कौबिनेट में जगह मिल सकती है।हालांकि एक बार फिर एके शर्मा के नाम चर्चओं में है। कहा जा रहा है कि संगठन में मौका मिलने के बाद अब एके शर्मा को कैबिनेट में भी जगह मिल सकता है।
जातीय समीकरणों के आधार पर तय होंगे नाम
खबर है जातीय समीकरणों का खास ख्याल रखते हुए पार्टी ब्राह्मण, ओबीसी और दलित चेहरे पर दांव लगाएं। विधान परिषद सदस्य विधासागार सोनकर के नामों की भी र्चचा है। साथ ही पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन से बदले महौल को अपने पक्ष पमें करने के लिए पश्चिमी यूपी से लक्ष्मीकांत बाजपेयी, मेरठ दक्षिण के विधायक सोमेंद्र तोमर और जाट समाज से मोदी नगर की विधायक मंजू सिवाल को भी मौका मिल सकता है।
यूपी कैबिनेट में हैं 53 मंत्री
योगी मंत्रिमंडल में अभी कुल 53 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। बताया जा रहा है मानक के अनुसार कुल 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस लिहाज से अभी सात और मंत्री बनाए जा सकते है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बचे हैं। योगी सरकार और भाजपा इस समय पूरी तरह चुनावी तैयारी में जुटी है। इसी के तहत जातीय और अन्य समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी चल रही है।