मऊ। उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की आज मऊ में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी होगी। पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा लौटने के बाद उत्तर प्रदेश में दर्ज किसी मामले में मुख्तार अंसारी की यह पहली पेशी है। मामला गलत तरीके से शस्त्र लाइसेंस दिलवाने की सिफारिश करने से जुड़ा है। मुख्तार वर्चुअल तरीके से दोपहर में मऊ के CJM अदालत से जुड़ेगा। अभियोजन पक्ष का कहना है कि आज रिमांड बनाया जाएगा और उस पर आज आरोप तय होने हैं।
क्या है मामला?
दरअसल, मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने लेटर पैड पर कुछ लोगों को शस्त्र लाइसेंस देने की सिफारिश की थी। सिफारिश के बाद कई शस्त्र लाइसेंस जारी हुए थे। लेकिन 2020 में जब शस्त्र लाइसेंस के सत्यापन शुरू हुए तो कई शस्त्र धारकों के नाम फर्जी व पते गलत मिले। इसके बाद दक्षिणटोला थाने में केस दर्ज किया गया। साथ ही गैंग लीडर मुख्तार अंसारी समेत चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया। आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सभी चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी।
बीते एक अप्रैल को सुनवाई के दौरान विशेष अभियोजन अधिकारी कृष्ण शरण सिंह के तर्कों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट रामअवतार प्रसाद ने मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से 13 अप्रैल को वारंट-बी के तहत तलब करने का आदेश दिया था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मुख्तार अंसारी को UP लाने में सफल रही।
अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता कृष्ण शरण सिंह ने बताया कि बांदा जेल में मुख्तार अंसारी निरुद्ध है। मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोपहर में कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। इस कार्रवाई में मुख्तार अंसारी पर आरोप तय किया जाएगा।
दोहरे हत्याकांड में आज होगी बहस
मुख्तार अंसारी के खिलाफ दोहरे हत्याकांड के मामले में भी आज मऊ की MP/MLA कोर्ट में बहस होनी है। यह प्रकरण मऊ दक्षिण टोला थाने का है। साल 2009 में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना की दिनदाहड़े बाइक सवार बदमाशों ने AK-47 से हत्या कर दी थी। हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था। इस केस में मन्ना का मुनीम राम सिंह मौर्य चश्मदीद गवाह था। उसे सतीश नाम का एक सरकारी गनर भी दिया गया था। लेकिन साल भीतर गवाह राम सिंह मौर्य व उसके गनर सतीश की RTO दफ्तार के पास हत्या कर दी गई थी। इसमें भी मुख्तार और उसके करीबियों पर केस दर्ज हुआ था। इस मुकदमे का ट्रायल अब आखिरी दौर में हैं।