वाराणसी।एक व्यक्ति की मौत के 16 साल बाद उसका हस्ताक्षर कर उसे एक फर्म में पार्टनर बनाने का मामला सामने आया है। दी बनारस बार एसोसएिशन के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने इसकी शिकायत सहायक निबंधक फर्म सोसायटी एवं चिट्स के रजिस्ट्रार से की। शिकायत के आधार पर रजिस्ट्रार ने फर्म के 3 अन्य साझीदारों को 1 जुलाई को पार्टनरशिप डीड नई व पुरानी के साथ ही अन्य संबंधित कागजात लेकर तलब किया है। साथ ही यह भी कहा है कि तीनों पार्टनर यदि कागजात के साथ उपस्थित नहीं हुए तो उनके खिलाफ भारतीय भागिदारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिसे बनाया गया पार्टनर उसकी मौत 1993 में हुई थी
अधिवक्ता नित्यांनद राय ने बताया कि रियल इस्टेट सेक्टर की फर्म मेसर्स स्वास्तिक प्लाजा के एक पार्टनर सप्तसागर निवासी भूपेंद्र कुमार गुप्ता की मृत्यु 14 दिसंबर 1993 को हो गई थी। 16 अगस्त 2009 को फर्म के रजिस्ट्रेशन पेपर पर लंका निवासी अंबरीश गुप्ता, अरुण गुप्ता और अंबुज गुप्ता के अलावा भूपेंद्र कुमार गुप्ता के भी हस्ताक्षर हैं। रजिस्ट्रार ने फर्म रजिस्ट्रेशन के पश्चात भूपेंद्र कुमार गुप्ता को ही निबंधन प्रमाण पत्र भी जारी किया है। आखिरकार 16 साल पहले जिस व्यक्ति की मौत हो गई थी उन्होंने कैसे हस्ताक्षर किया और उनके नाम से कैसे निबंधन प्रमाण पत्र जारी हुआ।
अनुचित लाभ लेने के लिए रची गई साजिश
रजिस्ट्रार से की गई शिकायत में उन्हें बताया गया कि फर्म के पंजीयन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया गया। फर्जी हस्ताक्षर बनाकर, फर्जी शपथ पत्र देकर और मृत व्यक्ति को पार्टनर बना कर फर्म का पंजीयन कराया गया है। यह फर्जीवाड़ा आय कर और अन्य खर्च बचा कर अनुचित लाभ लेने के लिए किया गया है। इसलिए फर्म का पंजीकरण तत्काल निरस्त कर तीनों मौजूदा पार्टनर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। उधर, रजिस्ट्रार ने नित्यानंद से कहा कि गुरुवार को तीनों पार्टनर फर्म के कागजात के साथ पेश होंगे तो सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।